“बुद्ध पूर्णिमा“ की बहुत - बहुत शुभकामनाएं।
महात्मा बुद्ध जब शरीर त्याग रहे थे,उनके सबसे प्रिय शिष्य आनंद की आंखों से आंसू बहने लगे।आनंद बोले कि अब हमें कौन राह दिखायेगा।
बुद्ध जी ने कहा---
अप्प दीपो भव:
स्वयं ऊर्जा का स्रोत बनो।मैंने तो तेरे अंदर दीपक जला दिया है।परमात्मा की याद का एक सिरा तुम्हारे हाथ मे पकड़ा दिया पर वहाँ तक पहुचना तुम्हे है....