मैं बालक नादान करो तुम
मुझ पर कृपा भवानी
लाया हूं एक अर्जी मैया
मात मेरी कल्याणी
मैं दुखिया तुम अंतर्यामी
सब कुछ तुम ही जानो
कष्ट हरो मेरे जीवन के
इतना कहना मानो
दुख के सागर बीच खड़ी है
जीवन नाव पुरानी
सिर्फ नहीं है मेरी मैया
सबकी यही कहानी.
स्वीकार करने की हिम्मत
और
सुधार करने की नीयत हो
तो
इंसान बहुत कुछ सीख सकता है।
हमको कितने लोग पहचानते है ?
उसका महत्व नहीं है,
लेकिन क्यों पहचानते है..?
इसका महत्व है. . .
अपना भी तभी तक अपना है
जब तक वह अपनी सभी
बाते मनवाता रहे
और हम मानते रहे ..!..
🌺🌿🙏🌿🌺
कौन है भोले तेरे बिन अपना !!
🙏🌱ॐ नमः शिवाय🌱🙏
🍃🌷शुभ संध्या 🙏शुभ वंदन🌷🍃