ग्रीनपीस की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले साल दिल्ली की हवा में मिले ज़हर से 54,000 लोगों की मौत हुई. मुंबई में प्रदूषण से मरने वालों की संख्या 25,000, बंगलुरु में 12,000, लखनऊ में 6,700 थी. जब तक हम सब मिलकर पॉल्यूशन को कंट्रोल नहीं करेंगे, हवा मौत का फ़रमान लेकर आती रहेगी.