हिन्दुस्तान में रहकर हिन्दुस्तान बोलने पर ऐतराज होना, ये दाल में कुछ काला होने के संकेत दिखाई पड रहे हैं इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है जागो हिन्दुओं/हिन्दुस्तानियों जागो ।
इन्सान को यदि शिक्षा ही लेनी है तो एक छोटी सी चींटी से क्यो नही लेता, जो बहुत छोटी व असहाय होते हुए भी, अपना भविष्य अपने संघर्ष व मेहनत के दम पर सुरक्षित रखने को तत्पर रहती है
जमाने को सुधारने का ठेका लेने की बजाय यदि हम अपने आपको सुधार ले, यनि प्रत्येक व्यक्ति अपने आपको सुधार ले तो देखते ही देखते सारा देश चन्द समय में सुधर सकता है ।
जिन्दगी जीना भी एक कला है किसी को सब कुछ मिलने पर भी दुखी हैं और कोई सब कुछ खोने पर भी सुखी है इस कला में हर एक निपुण नहीं होता, और जो होता है वो कभी दुखी नहीं होता ।