ये जो लोग रोज रोज i phone से गैस की महंगाई का ट्वीट करते रहते हैं, दया आती है उनके ऊपर ,खैर हम तो उनमें से हैं जिन्होंने मोदी जी के आह्वान पर देशहित के लिए गैस सब्सिडी ही छोड़ दी थी ताकि गरीबों को उज्ज्वला योजना का लाभ मिल सके।
ये जो चमचे ,सेकुलर और लिबरल रोज रोज बेरोजगारी का रोना रोते रहते हैं ,उन्हें बता दो की जिन 30 करोड़ शांतिदूतों ,6 करोड़ रोहिंज्ञाओं को दामाद बनाकर बैठे हैं उन्हें बस बाहर निकाल दो ,इतनी ज्यादा नौकरियां और अवसर होगें की लोग कम पड़ जायेंगे।