देश कह रहा है बदल जाओ,
अभी भी वक़्त है संभल जाओ।
अंधे मत बनो, आग सुलग रही है,
ऐसा न हो कि इस आग में स्वयं ही दहल जाओ।।
बच्चों को रीति-नीति सिखाओ, संस्कार दो,
अपने धर्म का ज्ञान दो, तीज-त्यौहार दो।
ऐसा न हो कि धीरे-धीरे सनातन धर्म को,
स्वयं ही तड़पा-तड़पाकर मार दो।।