#koopelikhoabppedekho.
वक्त के दरिया में बहते चले जायेंगे
जहां से गुजरेंगे वहां निशां छोड़ जाएंगे
याद रखेंगे लोग फसाना हमारा
ऐसा हम अपना नाम कर जाएंगे
वक्त के दरिया में बहते. ...........
वक्त के दरिया में हम ऐसे बह जाएंगे
देखोगे हमें फिर भी नजर नहीं आएंगे
आंखों में तुम्हारी हम आँसू छोड़ जाएंगे
पलकों को तुम्हारी हम गिला कर जाएंगे
वक्त के दरिया ..........
#koopelikhoabppedekho. कभी-कभी कोई बात दिल को छू जाती है
अक्सर तन्हाइयों में वह मेरे दिल को तड़पाती है सोचती हूं ना जाने किस गुनाह की सजा दे रहा है वह खुदा
हूं मैं बेबस यह सोच कर आंख भर आती है. कभी-कभी. ......
अक्सर यह बेबसी गहरा जख्म दे जाती है
बात होठों पर आकर दिल में ही रह जाती है. सोचती हूं क्या कसूर है मेरा
जो खुशियां पास आकर भी बड़ी दूर चले जातीहै
कभी-कभी ..............
आशा तोमर
#kavishsla
जिंदगी में न जाने कितने मोड़ आते हैं.
हर मोड़ पर खुद को हम अकेला ही पाते हैं. सोचते हैं ना जाने क्या कसूर है हमारा.
जिससे थी उम्मीद, उसी ने किया बेसहारा. बैठकर अकेले में जब जब हम आंसू बहाते हैं. याद उन्हें हम करते नहीं, फिर भी वो याद आते हैं.
जिंदगी में ना जाने......
हर मोड़ पर खुद ...........
#kavishala
खुदा से दुआ कर कर के परेशान हु मैं ,
ख़ुशी क्या होती है इस बात से अनजान हु मैं ,
टूट कर इस कदर बिखर चुकी हूँ ,
एक बेजान तस्वीर के सामान हु मै ,
खुदा से दुआ ..........
ख़ुशी क्या होती .........
ऐ खुदा बस एक एहसान मुझ पर कर ,
इस कदर मुझे तू आगोश मे भर ,
इस जमीन पर बोझ के समान हूँ मैं ,
खुदा से दुआ कर .......
ख़ुशी क्या होती ........
#kavishala
हर गम को हँसकर छुपाती हूँ ,😊
हँसते- हँसते सारे गमो को भूल जाती हूँ,
हँसना तो एक आदत सी बन गई है,
मै खुश हूँ ये सारे जहाँ को बताती हूँ,
हर गम ..............
हँसते- हँसते सारे ........
मोहब्बत देती हूँ मोहब्बत लेती हूँ,
मै अपनी जिंदगी इस अंदाज से बिताती हूँ,
तुम भी जिओ हंसते हंसते इस जहाँ मे ,
ये बात है पते की मै सबको बताती हूँ,
हर गम को. ............😊🙏🙏🙏🙏🙏
#kavishala
कभी-कभी अकेलेपन का एहसास होता है ’
दर्द किस से कहूं कोई न पास होता है’
भीड़ में भी खुद को अकेला हम पाते हैं ’ तन्हाइयों में बैठकर आंसू हम बहाते है’
याद आती है जब अपनों की रुसवाइयाँ ’ मजबूर कर देती हैं तब हमे तन्हाईयाँ’
निकल पड़ते हैं आँखों से आंसू ’
मन में अजीब सा ख्याल होता है ’
कभी-कभी अकेलेपन ..................
दर्द किससे कहु. ..........................