कारे बड़े कुल उपजै, जोरे बड़ी बुद्धि नाहि
जैसा फूल उजारिका, मिथ्या लगि झरि जाय॥
कबीर साहेब जी कहते हैं कि हे मनुष्यों उत्तम कुल में जन्म लेने से कोई लाभ नहीं है यदि तुम्हारी बुद्धि ऊंची या बड़ी नहीं है, जैसे निर्जन वनों में अच्छे अच्छे फूल का खिलना ब्यर्थ ही है क्योंकि वहाँ उनका कोई उपयोग नहीं है, दूसरे अर्थों में उत्तम मानवजाति में जन्म लेकर कोई जनकल्याण या आत्मकल्याण कार्य न करने से शेष अगलेकमे