किसी भी रंग के राष्ट्रवादी,
हर रंग के राष्ट्रवादी,
आप सब मेरे लिए भगवा हैं
आए मिल कर भारत को श्रेष्ठ, अड़िग, अचर और अमर बनाएं!
आज हम युवाओं में वह संभावना हैं, जिससे हम एक आत्मनिर्भर इकॉनमी में देश को बदल सकतें हैं, साथ ही अपने पर्यावरण को पुर्नर्जीवित कर सकते हैं l
शुरुआत के लिए आप बस अपने आस पास के लोगों को जोड़-पेड़ लगा,उसका संरक्षण करें, विदेशी चीज़ो के बहिष्कार करें और विदेशी पाखंड का खंडन करें
समय की मांग
कब तक हम अपने अंत को ख़ुद निमंत्रण देंगे ?
भारतीय राजनेताओं की ओछी राजनीती और गिरते स्तर को देख के भारत के भविष्य पर संशय होता हैं | जहां जनसंख्या का एक बड़ा भाग मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा वहीं हमारी जनसंख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही, पर्यावरण के संसाधन लगातार पतन की और हैं और हम इन मुद्दो से हमेशा भागते आये हैं |
क्या हमारी राजनीती में इन मुद्दो की कोई जगह नहीं?
जय हिन्द🇮🇳
वीरता का सच्चा बन्धुत्व,
झूठ है हार जीत का भेद;
वीर को नहीं विजय का गर्व,
वीर को नहीं हार का खेद।
किये मस्तक जो ऊॅंचा रहे
पराजय-जय में एक समान,
छीनते नहीं यहाँ के लोग
कभी उस बैरी का अभिमान।
जय भारत 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
#StopDefamingIndia🇮🇳
किसान हमारे लिए अन्नदाता है और वो अपने खेतो में व्यस्त है। दिल्ली बॉर्डर पर बैठे लोग किसान नही है। किसान अपने देश को बदनाम नही कर सकता क्योकि उसका ही बेटा देश की सीमा पर बैठा देश की रक्षा कर रहा है उसको देश की मान सम्मान का ख्याल है।जिस तरह से लाल किले की घटना हुई तभी सभी देश वासियो ने समझ लिया था कि कहि न कहि इसमे मुद्दा मोदी व भारत के विरोध का है।
नर हो, न निराश करो मन को।
कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रह कर कुछ नाम करो
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
कुछ तो उपयुक्त करो तन को
नर हो, न निराश करो मन को।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
तू छोड़ दें कोशिशें इंसानों को पहचानने की, यहाँ ज़रूरतों के हिसाब से सब बदलते नक़ाब है, अपने गुनाहों पर सौ परदे डाल कर हर शख़्स कहता है, ज़माना बड़ा ख़राब है|
भारत की संभुता औऱ अखंड़ता की रक्षा के लिए हम भारतीयों को अपने अंदर के द्वेष को त्याग,
देश के प्रत्येक नागरिक को अपने परिवार का सदस्य के रूप में देखना चाहिए और राष्ट्र नवनिर्माण में एकजुट होकर प्रयत्नशील होने की आवशक्यता हैं |
जय हिन्द🇮🇳
इस देश की संस्कृति
रही सौहार्द सनी है
संस्कृति सहिष्णुता के
विचारों से बनी है
दुनिया का भला हमने ही हरदम है विचारा
यह देश हमारा है, हमारा है हमारा🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जिंदगी की इस आपाधापी में,
कब जिंदगी की सुबह से शाम हो गई,
पता ही नहीं चला।
कल तक जिन मैदानों में खेला करते थे,
आज वो मैदान नीलाम हो गए,
पता ही नहीं चला।
कब सपनों के लिए,
सपनों का घर छोड़ दिया पता ही नहीं चला।