श्रीराम ।
व्यक्ति जब किसी का अंध विरोध करता है, तो , उसके प्रति मन बुद्धि और हृदय से अंधा हो जाता है उसके सभी उत्तम व शुभ कृत्य भी विरोधी प्रतीत होते है। उसके प्रति सिर्फ घृणा के भाव होते है और यह सब उसके शब्दो से स्पष्ट पता चलता है।
ठीक इसी प्रकार जब कोई व्यक्ति किसी का अंध समर्थन करता है, तो उसकी भी बुद्धि, मन और हृदय अन्धा हो जाता है। और उसे भी सभी नीच व पापकर्म शुभ व मांगलिक प्रतीत होते है