कोई भी मौलाना या इमाम यह बताये कि मस्जिद में केवल दीवारों के आलावा भौतिक रुप में खुदा के प्रतीक कोई संरचना बनवाते है क्या ?और यदि उनकी मस्जिद में कोई मूर्ति रख दी जाये तो क्या उसके सामने नमाज़ पढ़ेंगे?और यदि यह गुनाह है तो वर्षो से ऐसा देवालय जहा महादेव और उनका परिवार नाग शंख त्रिशूल कमल व नंदीजीविराजमान हो वहा नमाज पढ़ कर खुदा की शान में गुनाहक्योंकिया इसकी सजा मिलेगी बराबर मिलेगी अब उल्टा टांगे ja