मुझे तो पता है कि मुझे अकेले चलना है ।। परन्तु कोई मित्र के समान इस युद्ध में साथ आना चाहे तो स्वागत है ।। मेरी लड़ाई और यात्रा बहुत लम्बी है इसलिए रुक कर किसी की प्रतीक्षा नही कर सकता ।।
बस देशद्रोही, वामी, सेकू कीड़े, मुझसे दूर रहे मेरे पास इनको समझने का वक्त नही और कोई ईच्छा भी नही ।।