#आदि_शंकराचार्य ने भारतीय संस्कृति के विकास और संरक्षण में अप्रतिम योगदान के रूप में भारत के चारों कोनों में चार मठों और बारह ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की थी।
#गोवर्धन पीठ-ऋग्वेद- पुरी उड़ीसा
#शारदा पीठ-यजुर्वेद - शृंगेरी, रामेश्वरम
#द्वारिका पीठ -सामवेद - द्वारिका, गुजरात
#ज्योतिर्मय पीठ - अथर्ववेद -बद्रिकाश्रम, उत्तराखंड
सौख्य सिन्धु, दीनबंधु को हमारा नमन हो,
कल्याणकारी, विश्व त्राता को हमारा नमन हो।
शिव शांति के, प्रभु मूल उद्गम, को हमारा नमन हो,
मोक्ष सुख दाता, विधाता को हमारा नमन हो..!!
~ डॉ मृदुल कीर्ति
"आंख के अंधे को दुनिया नहीं दिखती, काम के अंधे को विवेक नहीं दिखता, मद के अंधे को अपने से श्रेष्ठ नहीं दिखता और स्वार्थी को कहीं भी दोष नहीं दिखता।"
~ चाणक्य
हमारे संचय में था दान, अतिथि थे सदा हमारे देव,
वचन में सत्य, हृदय में तेज, प्रतिज्ञा मे रहती थी टेव।
वही है रक्त, वही है देश, वही साहस है, वैसा ज्ञान
वही है #शांति, वही है शक्ति, वही हम दिव्य आर्य-संतान।
~ जयशंकर प्रसाद
सौख्य सिन्धु, दीनबंधु को हमारा नमन हो,
कल्याणकारी, विश्व त्राता को हमारा नमन हो।
शिव #शांति के, प्रभु मूल उद्गम, को हमारा नमन हो,
मोक्ष सुख दाता, विधाता को हमारा नमन हो..!!
~ डॉ मृदुल कीर्ति
प्रात: ओझल हो जाता जग,
भू पर आता ज्यों उतर गगन।
सुंदर लगते फिर कुहरे से
उठते-से खेत, बाग़, गृह, वन।
बगिया के छोटे पेड़ों पर
सुन्दर लगते छोटे छाजन,
सुंदर, गेहूँ की बालों पर
मोती के दानों-से हिमकन।
~ सुमित्रानंदन पंत
#सुहानी_भोर🌄#काव्य_कृति✍️