समाज--
जातिप्रथा एक सुदृढ़ सामाजिक व्यवस्था है | इस व्यवस्था को समाप्त करना असंभव है |
जातिय आधार पर किसी को नीचा या छोटा समझना ही जातिवाद है |
लेकिन जातिवाद एक विकृत मानसिकता है |
कुछ लोग अपनी बुद्धिहिनता के कारण जातिवाद और जातिप्रथा एक ही बात समझ लेते हैं |
सामाजिक ढांचे में सभी जातियों का अपना अपना विशेष महत्व है |