समय पहचानें,किस चीज से लगाओ हैअन्यथा जीवन बिन पतवार के नाव है,मंजिल कैसे कटेगा।जिज्ञासा करे अपनेआप से,जीवन उद्देश्य क्या है?सबाल का जबाब दिमाग से नही,मन को देने दें।चिंन्तन एक मिनट मौन हो जायँ, दिमाग में एक कौंध आयेगा, जबाब पर शंका न् कर सोचे कौन सा कदम उठा सकते है।स्वं पता नही होता,चाहते क्या है।निश्चित रूप से हमें क्या नही चाहिये।जो नही चाहते है,सोचना बन्द करें, अवचेतनमन प्लानिंग कर चुका है ।