तक तक धिन ता...
तक तक धिन ता...
धिनक धिनक धिन धिनक,
जाना! सुनो मेरा गाना!
एक ताना...
और एक बाना..
इसी से बुनी जिंदगी का,
बनता एक अफसाना !
कुछ धुन मैं चुनूं..
बस संग तू चले..
दिल के साज पर,
छिड़े खूबसूरत तराना!
तेरी मुस्कुराहट..
और आंखों की गहराई.
डूब रहा हूं मैं डुब..डुब,
मुझको जरा तैराना!
आजा तू बाहों में.
इन हसीन राहों में.
कुदरत भी मेहरबां,
फूलों का आशियाना!
#राजेश_मैत्रेय