पोस्ट करे
पद्मसंभव
@पद्मसंभव
यह दुःख ही है,जो सारे संसार को शरण देता है ! इसके बिना प्रेम की शोभा ही नहीं...! प्रेम यदि कृष्ण है,तो दुःख इसकी कनिष्ठा पर धारित गोवर्धन पर्वत....!
@पद्मसंभव
पर जवाब दे रहे है
0/
350